Republic Day 26 Jan 2025 Strengthening Efforts to Uphold Constitutional Ideals

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Republic Day 26 Jan 2025 -Strengthening Efforts to Uphold Constitutional Ideals India’s Military Might Unveiled at Kartavya Path


संविधान के आदर्शों की रक्षा: कर्तव्य पथ पर भारत की सैन्य शक्ति का शानदार प्रदर्शन

भारत ने 26 जनवरी, 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया। यह ऐतिहासिक अवसर देश की सांस्कृतिक विविधता, सैन्य शक्ति और संविधान के प्रति सम्मान को उजागर करने वाला अद्भुत प्रदर्शन था। इस बार का मुख्य आयोजन नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हुआ, जहाँ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

इस आयोजन में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया। खासकर कर्नाटक की झांकी, जो लक्कुंडी की अद्भुत शिल्पकला को दर्शा रही थी, ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इसके साथ ही, भारत की रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाली भव्य परेड ने सभी को गर्व से भर दिया।


मुख्य आकर्षण: 76वें गणतंत्र दिवस के प्रमुख पल

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1. राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराकर गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत की। यह भारत की एकता, शक्ति, और संवैधानिक मूल्यों का प्रतीक है।

2. प्रधानमंत्री का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और संवैधानिक मूल्यों को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, “यह समय हमारे संविधान के आदर्शों की रक्षा के लिए हमारे प्रयासों को मजबूत करने का है।”

3. मुख्य अतिथि: प्रबोवो सुबियांटो

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की उपस्थिति ने समारोह में अंतरराष्ट्रीय आयाम जोड़ा। यह दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों का प्रतीक है।

4. संविधान को श्रद्धांजलि

इस समारोह ने भारतीय संविधान में निहित लोकतांत्रिक और गणराज्यात्मक मूल्यों को मनाने का अवसर प्रदान किया। इसमें हर नागरिक को इन सिद्धांतों को बनाए रखने की प्रेरणा दी गई।


झांकियों में झलकती भारत की सांस्कृतिक विविधता

गणतंत्र दिवस परेड का एक बड़ा आकर्षण विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सांस्कृतिक झांकियां थीं।

कर्नाटक की झांकी – लक्कुंडी शिल्पकला

कर्नाटक ने अपनी झांकी में गडग जिले में स्थित लक्कुंडी की अद्वितीय कला और वास्तुकला को प्रस्तुत किया। इस झांकी में जटिल रूप से डिज़ाइन की गई मूर्तियों और स्मारकों ने चालुक्य वंश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का परिचय दिया।

अन्य राज्य की झांकियां

  • उत्तर प्रदेश ने अपनी पौराणिक धरोहर को दिखाया।
  • राजस्थान और पश्चिम बंगाल की झांकियों ने अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाया।
  • इन प्रदर्शनों ने भारत की विविधता में एकता को खूबसूरती से रेखांकित किया।

सैन्य शक्ति का प्रदर्शन: कर्तव्य पथ पर शानदार परेड

कर्तव्य पथ पर आयोजित भव्य परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने अनुशासित और शानदार प्रदर्शन किया। इस परेड ने भारत की रक्षा क्षमताओं और तकनीकी प्रगति को दर्शाया।

प्रमुख विशेषताएं

  1. उन्नत हथियार और उपकरण:
    परेड में नवीनतम टैंक, मिसाइल, और रक्षा उपकरण प्रस्तुत किए गए। इनसे भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं की झलक मिली।
  2. हवाई प्रदर्शन:
    भारतीय वायुसेना के स्वदेशी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने दिल दहला देने वाले युद्धाभ्यास प्रस्तुत किए।
  3. मार्चिंग टुकड़ियां:
    भारतीय सेना की विभिन्न रेजिमेंटों ने अपनी त्रुटिहीन मार्चिंग के माध्यम से अनुशासन और एकता को रेखांकित किया।

आत्मनिर्भर भारत अभियान पर जोर

परिवहन और सुरक्षा प्रणाली के स्वदेशी विकास के तहत परेड ने “आत्मनिर्भर भारत” पहल पर विशेष ध्यान केंद्रित किया। स्वदेशी तकनीकों और उपकरणों का प्रदर्शन देश की रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी प्रगति को दिखाता है।


प्रधानमंत्री मोदी का प्रेरणादायक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को संविधान के आदर्शों की रक्षा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा:
“हम उन महान व्यक्तियों को नमन करते हैं जिन्होंने हमारे संविधान को बनाया और हमारे लोकतंत्र की गरिमा और एकता सुनिश्चित की। आइए हम अपने संवैधानिक आदर्शों को संरक्षित करते हुए एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए खुद को समर्पित करें।”

यह संदेश न केवल गणतंत्र दिवस की भावना को रेखांकित करता है, बल्कि प्रत्येक नागरिक से राष्ट्र के लिए अपने कर्तव्यों को निभाने का आह्वान भी करता है।


शहीदों को श्रद्धांजलि

ध्वजारोहण से पूर्व, प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

  1. रक्षा प्रमुख:
    भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना के प्रमुख प्रधानमंत्री के साथ शहीदों को सम्मानित करने के लिए उपस्थित रहे।
  2. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह:
    रक्षा मंत्री ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और शहीदों के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान किया।

यह समारोह वीर जवानों के प्रति भारत की कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक था।


भारत के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक कदम

76वां गणतंत्र दिवस केवल भारतीय इतिहास का स्मरण नहीं था, बल्कि यह एक प्रेरणा थी भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने की।

लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर

इस अवसर ने नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

विविधता में एकता

यह दिन भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति के माध्यम से देश की समग्र एकता और ताकत को रेखांकित करता है।


निष्कर्ष

76वें गणतंत्र दिवस का आयोजन न केवल भारतीय गणराज्य की प्रगति को दर्शाता है, बल्कि यह संविधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गर्व को भी व्यक्त करता है।

भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा साझा किए गए संदेशों ने संविधान के महत्व को फिर से उभारा। साथ ही, झांकियों और परेड के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति ने यह संदेश दिया कि भारत अपनी एकता, शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर के साथ एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहा है।


फोकस कीवर्ड्स: गणतंत्र दिवस 2025, कर्तव्य पथ, लक्कुंडी शिल्पकला, भारतीय सैन्य शक्ति, प्रधानमंत्री मोदी भाषण, आत्मनिर्भर भारत रक्षा, सांस्कृतिक विविधता, भारतीय संविधान आदर्श, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक.

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