Savan Shivaratri

Savan Shivaratri 2024: शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाएं भगवान का पर्व,इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से रात 12 बजकर 49 मिनट तक रहने वाला है 

Shivaratri, जिसे महाशिवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान शिव को समर्पित है। 2024 में शिवरात्रि का पर्व 2 अगस्त को मनाया जाएगा, जब भक्तगण भगवान शिव की पूजा और उपासना के माध्यम से इस पवित्र पर्व को मनाएंगे।

शिवरात्रि का महत्व

शिवरात्रि का अर्थ है “शिव की महान रात्रि”, और यह पर्व भगवान शिव द्वारा सृष्टि, पालन और विनाश की दिव्य नृत्य (तांडव) की रात के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, भक्तगण उपवास रखते हैं, प्रार्थना करते हैं और ध्यान करते हैं ताकि भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सके और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो।

शिवरात्रि के अनुष्ठान और उत्सव

शिवरात्रि के दिन, भारत और दुनिया भर के शिव मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है। इस अवसर पर भक्तगण विभिन्न अनुष्ठानों में भाग लेते हैं, जैसे:

  • उपवास: दिन भर का उपवास रखते हुए अपनी भक्ति और अनुशासन का प्रदर्शन करते हैं।
  • रात्रि जागरण: पूरी रात जागते हुए भगवान शिव की स्तुति करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं।
  • पूजा अर्चना: शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और अन्य पवित्र वस्तुओं का अर्पण करते हैं, जो शुद्धि और भक्ति का प्रतीक है।

Savan Shivaratri 2024: पूजा और शुभ मुहूर्त के समय

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शिवरात्रि 2024 के अवसर पर, भगवान शिव की पूजा के लिए विभिन्न प्रहरों और मुहूर्तों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। यहां हम आपके लिए शिवरात्रि के प्रमुख पूजा समय और शुभ मुहूर्त की जानकारी दे रहे हैं:

 शिवरात्रि पूजा के प्रहर समय:

  1. रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय:
  • रात 07:11 से रात 09:49 तक।
  1. रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय:
  • रात 09:49 से देर रात 12:27 बजे तक।
  1. रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय:
  • देर रात 12:27 से 03:06 बजे तक।
  1. रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय:
  • 3 अगस्त की सुबह 03:06 से सुबह 05:44 बजे तक।

प्रमुख शुभ मुहूर्त:

सर्वार्थ सिद्धि योग:
2 अगस्त को सुबह 10:59 AM से 3 अगस्त को सुबह 06:02 AM तक।

निशिता मुहूर्त:
3 अगस्त को सुबह 12:06 से 12:49 तक।

ब्रह्म मुहूर्त:
सुबह 04:31 से 05:15 तक।

विजय मुहूर्त:
दोपहर 02:45 से 03:37 तक।

गोधूलि मुहूर्त:
शाम 07:08 से 08:13 तक।

निशिता मुहूर्त (रात):
रात 12:12 से 12:55 तक।

सर्वार्थ सिद्धि योग (रात):
3 अगस्त को सुबह 05:44 तक।

इन मुहूर्तों के अनुसार पूजा और अनुष्ठान करने से शिवरात्रि की पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव की कृपा से आपके जीवन में शांति, समृद्धि और मंगलमयता आए।


शिवरात्रि 2024 कैसे मनाएं..?

shivaratri 2024 को आप इस प्रकार मना सकते हैं:

  1. शिव मंदिर जाएं: विशेष पूजा-अर्चना में भाग लें और आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव करें।
  2. घर पर पूजा करें: एक छोटा सा वेदी तैयार करें, शिव मंत्रों का जाप करें और शिवलिंग का अभिषेक करें।
  3. ध्यान और चिंतन करें: भगवान शिव के उपदेशों और गुणों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ध्यान में समय बिताएं।

निष्कर्ष

Shivaratri  एक अवसर है जब आप भक्ति और आध्यात्मिकता में डूब सकते हैं। चाहे आप इसे घर पर मनाएं या मंदिर जाएं, भगवान शिव की कृपा आपके जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक जागृति लाएगी। 2 अगस्त को अपने कैलेंडर में अंकित करें और इस दिव्य पर्व को श्रद्धा और आनंद के साथ मनाने के लिए तैयार हो जाएं।

शुभ मुहूर्त: महत्त्व और उपयोगिता

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शुभ मुहूर्त का हिंदू धर्म और संस्कृति में विशेष महत्त्व है। यह वह समय होता है जब कोई कार्य करने से पहले ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को देखकर यह निर्धारित किया जाता है कि यह समय शुभ है या नहीं। शुभ मुहूर्त को देखकर कार्य करने से यह विश्वास किया जाता है कि वह कार्य सफल और मंगलमय होगा।

शुभ मुहूर्त का महत्व

शुभ मुहूर्त का चयन करते समय ज्योतिषीय गणनाओं का ध्यान रखा जाता है। यह गणना ग्रहों की स्थिति, चंद्रमा की स्थिति, नक्षत्र और अन्य खगोलीय घटनाओं के आधार पर की जाती है। यह माना जाता है कि यदि शुभ मुहूर्त में कार्य किया जाता है, तो वह कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न होगा और उसका परिणाम शुभ होगा।

विभिन्न अवसरों के लिए शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त का चयन विभिन्न महत्वपूर्ण अवसरों के लिए किया जाता है, जैसे:

  1. विवाह: विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का चयन यह सुनिश्चित करता है कि दंपत्ति का जीवन सुखमय और समृद्ध हो।
  2. गृह प्रवेश: नए घर में प्रवेश करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन यह सुनिश्चित करता है कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहे।
  3. नामकरण: बच्चे के नामकरण संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त का चयन यह दर्शाता है कि बच्चे का जीवन सुखद और सफल होगा।
  4. व्यवसाय की शुरुआत: किसी नए व्यापार या व्यवसाय की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त का चयन यह सुनिश्चित करता है कि वह व्यवसाय सफल और समृद्ध होगा।

शुभ मुहूर्त कैसे चुनें

शुभ मुहूर्त का चयन एक विद्वान ज्योतिषी द्वारा किया जाता है जो कुंडली, ग्रहों की चाल, और नक्षत्रों की स्थिति का अध्ययन कर यह निर्णय लेता है। शुभ मुहूर्त चुनते समय दिन, तिथि, वार, नक्षत्र, योग, और करण का विशेष ध्यान रखा जाता है।

निष्कर्ष

शुभ मुहूर्त का चुनाव हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि हम अपने जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों को सही समय पर और सही तरीके से करें। यह न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी जीवन शैली में सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का संचार भी करता है। इसलिए, किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।

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