Union Budget 2025-26 Major Income Tax Reforms and Their Impact
Union Budget 2025-26: प्रमुख आयकर सुधार और उनका प्रभाव-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें महत्वपूर्ण आयकर सुधार शामिल हैं। ये सुधार मध्यम वर्ग पर कर भार कम करने, खर्च को प्रोत्साहित करने और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गए हैं।
यह लेख बजट में पेश किए गए कर परिवर्तनों का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करता है और उनके व्यक्तियों और व्यवसायों पर प्रभाव को सरल और संरचित तरीके से समझाता है।
आयकर में प्रमुख बदलावों का त्वरित अवलोकन Union Budget
| श्रेणी | पिछले नियम | बजट 2025-26 में नए बदलाव |
|---|---|---|
| मूल कर छूट सीमा | ₹3,00,000 | ₹4,00,000 |
| नए कर स्लैब | पुरानी कर संरचना | कम दरों के साथ संशोधित कर दरें |
| धारा 87A छूट | ₹25,000 (₹7,00,000 तक की आय पर) | ₹60,000 (₹12,00,000 तक की आय पर) |
| कर-मुक्त आय (छूट के साथ) | ₹7,00,000 | ₹12,00,000 |
| वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए मानक कटौती | केवल पुरानी कर प्रणाली में उपलब्ध | अब नई कर प्रणाली में भी शामिल |
| एलआरएस प्रेषण पर टीसीएस सीमा | ₹7,00,000 | ₹10,00,000 |
| संशोधित रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा | 1 वर्ष | 2 वर्ष तक बढ़ाई गई |
नए आयकर स्लैब Union Budget 2025-26
सरकार ने कर स्लैब को सरल बनाया है ताकि करदाताओं को राहत मिले। नई कर संरचना इस प्रकार है:
| वार्षिक आय सीमा | नई कर दर |
| ₹4,00,000 तक | कोई कर नहीं ✅ |
| ₹4,00,001 – ₹6,00,000 | 5% |
| ₹6,00,001 – ₹9,00,000 | 10% |
| ₹9,00,001 – ₹12,00,000 | 15% |
| ₹12,00,001 – ₹15,00,000 | 20% |
| ₹15,00,000 से अधिक | 25% |
मुख्य लाभ: यदि आपकी वार्षिक आय ₹12,00,000 या उससे कम है, तो आप धारा 87A के तहत ₹60,000 की छूट का लाभ उठाकर कोई कर नहीं देंगे।
प्रमुख परिवर्तनों का विस्तृत विश्लेषण- Union Budget 2025-26
1️⃣ कर-मुक्त आय सीमा में वृद्धि
- बेसिक छूट सीमा ₹3,00,000 से बढ़ाकर ₹4,00,000 कर दी गई है।
- यदि आपकी वार्षिक आय ₹4,00,000 तक है, तो आपको कोई कर नहीं देना होगा।
- यह निम्न-आय वर्ग के लोगों के लिए बचत बढ़ाने में सहायक होगा।
2️⃣ धारा 87A के तहत उच्च छूट
- पुरानी छूट: ₹7,00,000 तक की आय पर ₹25,000।
- नई छूट: ₹12,00,000 तक की आय पर ₹60,000।
- प्रभाव: यदि आपकी वार्षिक वेतन ₹12,00,000 या उससे कम है, तो आप कोई कर नहीं देंगे।
3️⃣ वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए मानक कटौती
- पहले ₹50,000 की मानक कटौती केवल पुरानी कर प्रणाली में उपलब्ध थी।
- अब, इसे नई कर प्रणाली में भी शामिल किया गया है।
- लाभ: यदि आपकी आय ₹12,75,000 है, तो आप इस कटौती का लाभ लेकर कोई कर नहीं देंगे।
4️⃣ विदेशी प्रेषण पर टीसीएस में बदलाव
- एलआरएस प्रेषण पर टीसीएस की सीमा ₹7,00,000 से बढ़ाकर ₹10,00,000 कर दी गई है।
- शिक्षा ऋण से वित्तपोषित प्रेषण पर कोई टीसीएस नहीं।
5️⃣ संशोधित रिटर्न दाखिल करने की समय-सीमा बढ़ाई गई
- पहले करदाताओं के पास 1 वर्ष का समय था।
- अब इसे 2 वर्ष तक बढ़ा दिया गया है, जिससे अधिक लचीलापन मिलेगा।
इन परिवर्तनों का आप पर प्रभाव
✅ वेतनभोगी कर्मचारी: कर बचत के कारण अधिक टेक-होम वेतन।
✅ मध्यम वर्गीय करदाता: अधिक छूट का मतलब कम या शून्य कर दायित्व।
✅ व्यवसायी और फ्रीलांसर: कर-मुक्त सीमा में वृद्धि से छोटे व्यवसायों को कर में बचत।
✅ विदेश में पैसा भेजने वाले व्यक्ति: टीसीएस में छूट से अधिक कर-मुक्त प्रेषण।
तुलना: पुरानी और नई कर गणना Union Budget 2025-26
| वार्षिक आय | पुराना कर (2024-25) | नया कर (2025-26) | बचत |
| ₹6,00,000 | ₹23,400 | ₹10,000 | ₹13,400 |
| ₹9,00,000 | ₹54,600 | ₹30,000 | ₹24,600 |
| ₹12,00,000 | ₹1,17,000 | ₹0 (छूट के बाद) | ₹1,17,000 |
| ₹15,00,000 | ₹1,95,000 | ₹1,25,000 | ₹70,000 |
निष्कर्ष: नई कर प्रणाली मध्यम वर्ग के लिए कर भार को काफी कम कर रही है।
निष्कर्ष: मध्यम वर्ग के लिए राहत भरा बजट- Union Budget
केंद्रीय बजट 2025-26 मध्यम वर्ग के लिए बड़ी कर राहत लेकर आया है, जिससे ₹12,00,000 तक की आय कर-मुक्त हो गई है और छूट एवं कटौतियों में वृद्धि हुई है। सरल कर स्लैब के साथ, करदाताओं के पास अधिक डिस्पोजेबल आय होगी, जिससे व्यय और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य निष्कर्ष: यदि आपकी आय ₹12,00,000 या इससे कम है, तो अब आप नई कर प्रणाली में शून्य कर का आनंद ले सकते हैं!
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: इस बजट से सबसे अधिक लाभ किसे होगा?
✅ मध्यम वर्ग के करदाता, विशेष रूप से वे जो ₹12,00,000 या उससे कम कमाते हैं, क्योंकि वे अब छूट के बाद कोई कर नहीं देंगे।
Q2: क्या मुझे नई कर प्रणाली को अपनाना चाहिए?
✅ यदि आप कई कटौतियों का दावा नहीं करते हैं, तो नई कर प्रणाली आपके कर भार को काफी कम कर सकती है।